पंचकूला में दिल दहलाने वाली घटना: कर्ज से हारा परिवार, सात लोगों ने जहर खाकर दी जान
पंचकूला, 27 मई 2025 – हरियाणा के पंचकूला में एक ऐसी घटना ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया, जिसने मानवता को सोचने पर मजबूर कर दिया। सेक्टर-27 के एक सुनसान प्लॉट के पास खड़ी एक कार में एक ही परिवार के सात सदस्य मृत पाए गए। यह दुखद घटना सोमवार और मंगलवार की मध्यरात्रि के बीच की है। पुलिस ने इसे आत्महत्या का मामला माना है, और इसके पीछे भारी कर्ज और मानसिक तनाव को मुख्य कारण बताया है।
रात का सन्नाटा और एक भयावह खोज
सोमवार रात करीब 10 बजे, सेक्टर-27 की सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ था। एक स्थानीय निवासी, हरीश राणा, अपने भाई के साथ टहलने निकला था। उसकी नजर एक हुंडई औरा कार पर पड़ी, जो एक खाली प्लॉट के पास खड़ी थी। कार का पिछला शीशा एक तौलिया से ढका हुआ था, जो संदिग्ध लगा। हरीश ने बताया, "मेरे भाई ने कहा कि कुछ गड़बड़ है। हमने कार के पास जाकर देखा, तो अंदर सात लोग अचेत पड़े थे।"
जब उन्होंने दरवाजा खोला, तो छह लोग पहले ही मृत पाए गए। सातवां व्यक्ति, प्रवीण मित्तल, अभी सांस ले रहा था। हरीश ने उसे बाहर निकाला और बात करने की कोशिश की। प्रवीण ने कांपती आवाज में कहा, "हमने जहर खा लिया है। मैं भी पांच मिनट में मर जाऊंगा।" इसके बाद उसे तुरंत ओजस अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में उसने भी दम तोड़ दिया। मृतकों में प्रवीण मित्तल (41 वर्ष), उनकी पत्नी रीना, उनके तीन बच्चे (11 साल की जुड़वां बेटियां ध्रुविका और दालिशा, और 14 साल का बेटा हार्दिक), और प्रवीण के माता-पिता देशराज और विमला शामिल थे।
कर्ज का बोझ और टूटते सपने
पुलिस ने कार से दो पेज का एक सुसाइड नोट बरामद किया, जिसमें प्रवीण ने लिखा, "मैं दिवालिया हो चुका हूं। इसके लिए मैं ही जिम्मेदार हूं।" नोट में उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि उनके रिश्तेदार अमीर थे, लेकिन किसी ने उनकी मदद नहीं की। प्रवीण के रिश्तेदार संदीप अग्रवाल ने बताया कि परिवार पर करीब 20 करोड़ रुपये का कर्ज था, और उन्हें कर्जदाताओं से लगातार धमकियां मिल रही थीं।
परिवार मूल रूप से हिसार (हरियाणा) का रहने वाला था और 12 साल पहले पंचकूला आया था। प्रवीण ने हिमाचल प्रदेश के बद्दी में एक स्क्रैप-मटेरियल प्रोसेसिंग फैक्ट्री शुरू की थी, जो कर्ज के चलते बैंक ने जब्त कर ली। इसके बाद वे देहरादून चले गए, जहां प्रवीण ने टूर और ट्रैवल का बिजनेस शुरू किया, लेकिन वहां भी वे आर्थिक संकट से नहीं उबर सके। दो महीने पहले वे फिर से पंचकूला के साकेतरी इलाके में किराए के मकान में रहने आए थे, जहां प्रवीण टैक्सी चलाकर गुजारा कर रहे थे।
एक धार्मिक आयोजन और उसके बाद का फैसला
जांच में पता चला कि सोमवार रात को यह परिवार पंचकूला में बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र शास्त्री के हनुमान कथा आयोजन में शामिल होने गया था। आयोजन के बाद, वे घर नहीं लौटे। सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि उनकी कार रात 6:45 बजे सेक्टर-27 में पार्क हुई थी। पुलिस का मानना है कि रात 10 बजे के बाद उन्होंने जहर खाया। हालांकि, पुलिस ने साफ किया कि इस घटना का धार्मिक आयोजन से कोई सीधा संबंध नहीं है।
प्रत्यक्षदर्शी की आपबीती: "उसकी आंखों में हताशा थी"
हरीश के भाई पुनीत राणा ने बताया, "जब मैंने प्रवीण से बात की, तो उसकी आंखों में हताशा साफ दिख रही थी। उसने कहा कि उसके पास कोई रास्ता नहीं बचा था। उसने यह भी बताया कि उसके रिश्तेदारों ने उसकी मदद नहीं की, जबकि वे करोड़पति थे।" पुनीत ने कहा कि उसने तुरंत पुलिस को बुलाया, लेकिन एंबुलेंस आने में 45 मिनट लग गए। तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
पुलिस की जांच और स्थानीय लोगों का गम
पंचकूला के डीसीपी (क्राइम) अमित दहिया ने बताया कि पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है। सीसीटीवी फुटेज, सोशल मीडिया, और बैंक लेनदेन की जांच की जा रही है। डीसीपी हिमाद्री कौशिक ने कहा, "प्रथम दृष्टया यह आत्महत्या का मामला लगता है, लेकिन हम हर पहलू से जांच कर रहे हैं।" फोरेंसिक टीम ने कार से नमूने लिए हैं, और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार है।
स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर गहरा सदमा है। एक पड़ोसी, अजय कुमार अग्रवाल, ने कहा, "वे लोग बहुत खुशमिजाज थे। हमें नहीं पता था कि वे इतने बड़े संकट से गुजर रहे हैं। यह बहुत दुखद है।" एक अन्य निवासी, राजकुमारी नौटियाल, ने कहा, "यह घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है कि हमें अपने आसपास के लोगों की परेशानियों को समझना चाहिए।"
वीडियो साक्ष्य और उसमें क्या दिखाया जा सकता है
यहां आप इस घटना से संबंधित एक वीडियो जोड़ सकते हैं। इस वीडियो में निम्नलिखित चीजें दिखाई जा सकती हैं:
सेक्टर-27 में उस खाली प्लॉट का दृश्य जहां कार खड़ी थी, रात के सन्नाटे के साथ।
हुंडई औरा कार का बाहरी और अंदर का दृश्य, जिसमें तौलिया से ढका शीशा और अंदर की अव्यवस्था दिखे।
प्रवीण मित्तल का आखिरी क्षण, जिसमें वह सड़क किनारे बैठा है और हरीश या पुनीत से बात कर रहा है (यह एक रीक्रिएशन हो सकता है)।
स्थानीय लोगों और पुलिस की प्रतिक्रिया, जिसमें जांच के दृश्य और पड़ोसियों के बयान शामिल हों।
निष्कर्ष: एक सबक और एक अपील
यह घटना सिर्फ एक परिवार की त्रासदी नहीं है, बल्कि यह समाज के सामने एक बड़ा सवाल खड़ा करती है। आर्थिक तंगी और मानसिक तनाव ऐसी चीजें हैं, जिन्हें समय रहते पहचानकर रोका जा सकता है। अगर आपको या आपके किसी जानने वाले को ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है, तो कृपया मदद लें। भारत में कई हेल्पलाइन उपलब्ध हैं, जैसे कि आसरा (022-27546669), स्नेहा फाउंडेशन (044-24640050), और सुमैत्री (011-23389090)।
Satyavani Media की ओर से हम इस दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, और समाज में एक-दूसरे के प्रति संवेदनशीलता बढ़े।
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