उत्तराखंड के जोशीमठ में 8 निहंगों की गुंडागर्दी – हथियारों से हमला, पुलिसकर्मी घायल
जोशीमठ, उत्तराखंड — यह घटना शर्मनाक भी है और चिंता पैदा करने वाली भी। 8 निहंगों का एक समूह, जो हेमकुंड साहिब के दर्शन के लिए आया हुआ था, ट्रैफिक जाम के मामूली विवाद में आम जनता और फिर पुलिस पर भी टूट पड़ा।
घटना की शुरुआत: आम लोगों पर हमला
यह सब तब शुरू हुआ जब जोशीमठ में ट्रैफिक जाम हो गया। गाड़ी से एक निहंग बाहर निकला और सड़क पर लोगों को गाली देते हुए ज़ोर से चिल्लाने लगा कि “सामने से हटो!”। एक स्कूटर सवार युवक को धक्का दे मारा। जब एक दुकानदार ने इसका वीडियो बनाना शुरू किया, तो बात और बिगड़ गई।
निहंगों ने हथियार निकाले और दुकानदार और एक महिला पर हमला कर दिया। घटना की वीडियो भी वायरल हुई जिसमें साफ देखा जा सकता है कि कैसे निहंग मारपीट कर रहे हैं और वीडियो बनाने पर धमकी दे रहे हैं।
पुलिस पर हमला और गिरफ्तारी
जब पुलिस मौके पर पहुंची, तो आरोपी निहंग पहले ही भाग चुके थे। लेकिन उन्हें पुलिस चौकी के पास रोक लिया गया। तभी वहां भीड़ जमा हो गई और माहौल तनावपूर्ण हो गया।
इसी बीच एक निहंग अमृतपाल ने सीनियर सब इंस्पेक्टर के सिर पर तेजधार हथियार से वार कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया।
बरामद हथियार
- तलवारें
- डबल एज वाली छुरियां
- कुल्हाड़ियां
- चाकू
- परंपरागत किरपान
इन धाराओं में मामला दर्ज:
- धारा 109(1) – हत्या की कोशिश (Attempt to murder)
- धारा 191(2) – दंगा भड़काना
- धारा 193(3) – ज़मीन मालिक या संचालक की जिम्मेदारी
- धारा 352 – जानबूझकर अपमान करना
- धारा 351(3) – आपराधिक धमकी
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- हरप्रीत सिंह
- अमृतपाल सिंह
- हरप्रीत (दूसरा)
- बिंदर सिंह
- गरजा सिंह
- हरजोत सिंह
- भोला सिंह
इसके अलावा, एक निहंग नाबालिग पाया गया है, जिसके खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है।
विश्लेषण: क्या यह श्रद्धा थी या गुंडागर्दी?
यह बेहद शर्मनाक है कि गुरुघर के नाम पर बाहर की राज्य में जाकर हथियार निकाल कर लोगों पर हमला किया गया। ये वही लोग हैं जो कभी हिमाचल में "भिंडरावाले" के झंडे लेकर जाते हैं, कभी आम नागरिकों को गालियां देते हैं और जब वीडियो बनती है तो धमकाते हैं।
गुरु परंपरा में तलवारें धर्म की रक्षा के लिए थीं, न कि मासूम जनता को डराने और मारने के लिए। पुलिस और नागरिकों पर हमला करके कोई वीर नहीं बनता, यह सिर्फ कायरता और दुराचरण है।
ना कोई पंजाबी मीडिया इस पर बोलेगा, ना ही कोई अब इनके खिलाफ बोलेगा — क्योंकि "विक्टिम कार्ड" खेलना सबसे आसान है। लेकिन सच तो ये है कि यह सनातन भारत की आत्मा पर हमला है।
बाहर आकर गुंडागर्दी नहीं चलेगी। अब देश देख रहा है।
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