अमेरिका में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल की किरकिरी, सांसद ने आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई और ओसामा को ट्रैक करने वाले की रिहाई की मांग की
पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल वाशिंगटन डीसी में था, जहां एक अप्रिय घटना घटी। अमेरिकी सांसद ब्रैड शेरमैन, जो कैलिफोर्निया से डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्य हैं, ने पाकिस्तान से आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई और 2002 में वॉल स्ट्रीट जर्नल के पत्रकार डैनियल पर्ल की हत्या के लिए न्याय की मांग की। इसके अलावा, उन्होंने डॉ. शकील अफरीदी की रिहाई की भी मांग की, जो CIA को ओसामा बिन लादेन को ट्रैक करने में मदद की थी।
आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की मांग
शेरमैन ने पाकिस्तान से जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की, जो एक आतंकवादी संगठन है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को इस संगठन के खिलाफ ठोस कदम उठाने चाहिए, खासकर जब भारत और अन्य देश इस मुद्दे को उठा रहे हैं। इसके साथ ही, उन्होंने डैनियल पर्ल की हत्या के लिए न्याय की भी मांग की, जो एक संवेदनशील मुद्दा है।
डॉ. शकील अफरीदी की रिहाई की मांग
डॉ. शकील अफरीदी ने 2011 में अबोटाबाद में हेपेटाइटिस वैक्सीनेशन कार्यक्रम के तहत DNA सैंपल इकट्ठा किए, जो ओसामा बिन लादेन को ट्रैक करने में मददगार साबित हुए। हालांकि, पाकिस्तान ने उन्हें 2012 में 33 साल की सजा सुनाई, जिसे US ने राजनीतिक बदला मानते हुए निंदा की। शेरमैन ने उनकी रिहाई की मांग की, क्योंकि वे मानते हैं कि अफरीदी ने CIA को महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की थी।
कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर लाने की कोशिश
दूसरी ओर, बिलावल भुट्टो जरदारी ने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर लाने की कोशिश की। हालांकि, इस मुद्दे पर कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली।
भारत-पाकिस्तान संबंध और अल्पसंख्यक सुरक्षा
यह बैठक भारत के प्रतिनिधिमंडल की मौजूदगी में हुई, जहां शेरमैन ने पाकिस्तान से अपनी अल्पसंख्यक आबादी की सुरक्षा सुनिश्चित करने की भी मांग की। यह मुद्दा भारत-पाकिस्तान संबंधों में एक महत्वपूर्ण पहलू है।
निष्कर्ष
पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का अमेरिका दौरा एक अप्रिय मोड़ पर पहुंच गया, जहां आतंकवाद, डॉ. शकील अफरीदी की रिहाई, और कश्मीर मुद्दे ने चर्चा का केंद्र बनाया। यह घटना पाकिस्तान के लिए एक चुनौतीपूर्ण स्थिति पैदा करती है, जहां उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी छवि सुधारने की जरूरत है।
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