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Wednesday, June 4, 2025

Panchang of 5 June 2025: Ganga Dussehra and Daily Vedic Calendar - Satya Vani Media

5 जून 2025 का पंचांग: गंगा दशहरा और दैनिक वैदिक कैलेंडर - सत्य वाणी मीडिया

हिंदू पंचांग, वैदिक ज्योतिष का एक महत्वपूर्ण हिस्सा, दैनिक कार्यों और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए शुभ और अशुभ समय निर्धारित करने में उपयोगी है। संस्कृत शब्द "पंच" (पांच) और "अंग" (अंग) से मिलकर बना, यह पांच मुख्य तत्वों - तिथि, नक्षत्र, योग, करण और वार - पर आधारित है। इसके साथ ही सूर्योदय, सूर्यास्त, चंद्रोदय, चंद्रास्त और ग्रहों की स्थिति भी महत्वपूर्ण हैं। यह लेख 5 जून 2025 के पंचांग और गंगा दशहरा के महत्व को सत्य वाणी मीडिया के लिए प्रस्तुत करता है।

5 जून 2025 के पंचांग की मुख्य जानकारी

  • स्थान: उज्जैन, मध्य प्रदेश, भारत

  • विक्रम संवत: 2082

  • शक संवत: 1947

  • मास (अमांत/पूर्णिमांत): ज्येष्ठ

  • पक्ष: शुक्ल पक्ष (बढ़ता चंद्रमा)

  • तिथि: दशमी (लगभग दोपहर 3:00 बजे तक, इसके बाद एकादशी)

  • नक्षत्र: हस्त (लगभग शाम 6:00 बजे तक, इसके बाद चित्रा)

  • योग: रवि योग (शुभ, पूरे दिन)

  • करण: गर (दोपहर तक, इसके बाद वणिज)

  • दिन: गुरुवार (गुरुवार)

  • ऋतु: ग्रीष्म

  • सूर्योदय: सुबह 05:55 बजे

  • सूर्यास्त: शाम 07:23 बजे

  • चंद्रोदय: दोपहर 02:26 बजे

  • चंद्रास्त: अगले दिन तड़के 01:53 बजे

  • चंद्र राशि: कन्या

  • सूर्य राशि: वृषभ

शुभ मुहूर्त

  • अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:52 से दोपहर 12:48 तक (महत्वपूर्ण कार्य शुरू करने के लिए आदर्श)

  • विवाह मुहूर्त: सुबह 05:23 से 09:14 तक (विवाह समारोह के लिए उपयुक्त)

  • अन्य शुभ मुहूर्त: रवि योग के दौरान नए व्यवसाय, सोना/चांदी खरीदने, या वाहन खरीदने जैसे कार्य शुभ माने जाते हैं।

अशुभ काल

  • राहु काल: दोपहर 02:04 से 03:48 तक (नए कार्य शुरू करने से बचें)

  • यमगंड: सुबह 05:55 से 07:36 तक

  • गुलिक काल: सुबह 09:17 से 10:58 तक

नोट: समय स्थान के अनुसार थोड़ा भिन्न हो सकता है। उपरोक्त जानकारी उज्जैन के आधार पर दी गई है, जो वैदिक ज्योतिष के लिए एक प्रमुख केंद्र है।

5 जून 2025 का महत्व: गंगा दशहरा

5 जून 2025 का दिन गंगा दशहरा के रूप में विशेष महत्व रखता है। यह ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को मनाया जाता है, जो मां गंगा के पृथ्वी पर अवतरण का प्रतीक है। इस दिन गंगा में स्नान करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। भक्त प्रार्थना, आरती और दान-पुण्य करते हैं, जिससे आत्मिक शुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है। गंगा स्नान से शरीर, वाणी और मन से संबंधित दस प्रकार के पापों का नाश होता है।

विशेष आयोजन: राम दरबार प्राण प्रतिष्ठा

इस दिन अयोध्या राम मंदिर में राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा होगी, जो एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है। यह समारोह अभिजीत मुहूर्त में होगा, जो दिन की शुभता को और बढ़ाएगा।

दिन के लिए अनुष्ठान और उपाय

  • पूजा: गुरुवार भगवान विष्णु को समर्पित है। विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें या श्री कृष्ण उपासना करें।

  • गंगा दशहरा अनुष्ठान: यदि संभव हो तो गंगा में स्नान करें, सूर्य को अर्घ्य दें और गंगा पूजा करें। जल से भरे घड़े या फल दान करना अत्यंत पुण्यकारी है।

  • दान-पुण्य: गौशाला में गायों को रोटी, गुड़ या हरा चारा खिलाएं। छत पर पक्षियों के लिए भोजन और पानी रखें।

  • वृक्षारोपण: शिव मंदिर के पास पीपल, बरगद या बेल का पेड़ लगाएं, यह पापों का नाश करता है।

  • मंदिर दर्शन: विष्णु मंदिर जाएं, भगवान की चार बार परिक्रमा करें और श्री सूक्त या कृष्ण के नाम का जाप करें।

  • बड़ों का सम्मान: माता-पिता, बुजुर्गों या संतों के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लें। माथे पर पीला चंदन या हल्दी का तिलक लगाएं।

ज्योतिषीय जानकारी

  • ग्रह स्थिति: सूर्य वृषभ में और चंद्रमा कन्या में होंगे, जिससे स्थिर और विश्लेषणात्मक ऊर्जा का संचार होगा। रवि योग दिन की सकारात्मकता को बढ़ाएगा, जो आध्यात्मिक और शुभ कार्यों के लिए आदर्श है।

  • गंड मूल नक्षत्र: हस्त नक्षत्र का प्रभाव जन्म कुंडली पर हो सकता है। यदि इस दिन बच्चा जन्म लेता है, तो गंड मूल नक्षत्र (जैसे अश्लेषा, ज्येष्ठा आदि) का प्रभाव परिवार पर पड़ सकता है।

महत्वपूर्ण टिप्स

  • राहु काल, यमगंड या गुलिक काल में प्रमुख कार्य शुरू करने से बचें, क्योंकि ये समय अशुभ माने जाते हैं।

  • यदि आप किसी अन्य शहर में हैं, तो स्थानीय ज्योतिषी से सटीक समय की जानकारी लें, क्योंकि पंचांग स्थान के अनुसार बदलता है।

  • यह जानकारी वैदिक ज्योतिष और परंपराओं पर आधारित है। ज्योतिषीय सलाह पर अमल करने से पहले विशेषज्ञ से परामर्श करें।

5 जून 2025 को शुभ मुहूर्तों के साथ अपने कार्यों को संरेखित करें और अनुशंसित अनुष्ठानों का पालन करें, ताकि आप इस दिन के आध्यात्मिक और व्यावहारिक लाभों को अधिकतम कर सकें। गंगा दशहरा और इस दिन की दिव्य ऊर्जा आपको शांति, समृद्धि और आध्यात्मिक विकास प्रदान करे।

अस्वीकरण: यह जानकारी वैदिक ज्योतिष और पारंपरिक मान्यताओं पर आधारित है। व्यक्तिगत मार्गदर्शन के लिए योग्य ज्योतिषी से परामर्श करें।

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