अमृतसर में नशा तस्करी पर प्रशासन की सख्ती: दो तस्कर गिरफ्तार, 4.5 किलो हेरोइन और 11 लाख रुपये बरामद
पंजाब में नशे की लत और तस्करी लंबे वक्त से एक गंभीर समस्या बनी हुई है, लेकिन पुलिस और प्रशासन अब इस जहर को जड़ से उखाड़ने के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं। ताज़ा मामला अमृतसर से सामने आया है, जहाँ एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए सीमा पार से चल रहे नशा तस्करी के रैकेट का पर्दाफाश किया है। इस कार्रवाई में दो तस्करों को गिरफ्तार किया गया, और उनके पास से 4.5 किलो हेरोइन के साथ-साथ 11 लाख रुपये की ड्रग मनी भी बरामद की गई।
कार्रवाई का विवरण: तस्कर कैसे पकड़े गए?
अमृतसर की बॉर्डर रेंज में काम कर रही एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स को सूचना मिली थी कि पाकिस्तान से ड्रोन के ज़रिए हेरोइन की एक बड़ी खेप अमृतसर पहुंची है। इस सूचना के आधार पर टीम ने तुरंत जाल बिछाया और दो तस्करों—गुरभेज सिंह उर्फ भेजा और अभिजीत सिंह उर्फ हैप्पी—को उस वक्त धर दबोचा, जब वो इस खेप को बेचने की फिराक में थे। पुलिस ने इनके पास से 4.5 किलो हेरोइन और 11 लाख रुपये की नकदी बरामद की, जो नशे की कमाई का हिस्सा थी।
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पंजाब के DGP गौरव यादव ने बताया कि गुरभेज सिंह पाकिस्तान के एक तस्कर राणा के सीधे संपर्क में था और खेप की डिलीवरी को कोऑर्डिनेट करता था। जांच में यह भी सामने आया कि पाकिस्तान से ड्रोन के ज़रिए पिछले एक साल से नशे की खेपें पंजाब में भेजी जा रही थीं, जिसके बाद इन्हें अमृतसर और आसपास के इलाकों में बांटा जाता था।
पंजाब में नशे की लत: एक चिंता का विषय
पंजाब में नशे की समस्या कोई नई बात नहीं है। सीमा पार से तस्करी ने इस राज्य के युवाओं को नशे की दलदल में धकेल दिया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब में हर वर्ष करीब 3 लाख लोग नशे की चपेट में आते हैं, और इनमें से ज्यादातर की उम्र 15 से 30 साल के बीच होती है। अमृतसर, तरनतारन, और फाजिल्का जैसे सीमावर्ती इलाके इस तस्करी का केंद्र बन गए हैं। पाकिस्तान से ड्रोन के ज़रिए हेरोइन, हथियार, और सिंथेटिक ड्रग्स की खेपें भेजी जाती हैं, जो पंजाब के युवाओं की ज़िंदगी बर्बाद कर रही हैं।
हाल के महीनों में पंजाब पुलिस ने नशा तस्करी के खिलाफ कई बड़ी कार्रवाइयाँ की हैं। अप्रैल 2025 में अमृतसर में ही 18.2 किलो हेरोइन के साथ एक तस्कर हिरा सिंह को गिरफ्तार किया गया था। मई 2025 में पुलिस ने 521 ग्राम हेरोइन और चार पिस्तौल के साथ तीन तस्करों को हिरासत में लिया। इन कार्रवाइयों से साफ है कि पंजाब पुलिस इस जहर को रोकने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है।
ड्रोन से तस्करी: एक नई चुनौती
पाकिस्तान से ड्रोन के ज़रिए नशे की खेप भेजना पंजाब के लिए एक नई और बड़ी चुनौती बन गया है। सीमा सुरक्षा बल (BSF) और पंजाब पुलिस ने पिछले कुछ सालों में सैकड़ों ड्रोन पकड़े हैं, जो नशे और हथियारों की तस्करी के लिए इस्तेमाल हो रहे थे। अमृतसर के सीमावर्ती इलाकों जैसे अजनाला, भकना, और खैरा में ऐसी घटना बार-बार सामने आई है। जांच में यह भी पता चला है कि ये तस्कर न सिर्फ पंजाब में नशे की सप्लाई करते हैं, बल्कि पैसों का लेन-देन हवाला के ज़रिए दुबई और पाकिस्तान तक पहुंचाते हैं।
पिछले माह अमृतसर में ही एक नारको-हवाला रैकेट का भंडाफोड़ हुआ था, जिसमें 4.5 किलो हेरोइन और 8.7 लाख रुपये की ड्रग मनी के साथ छह तस्करों को गिरफ्तार किया गया था। इस रैकेट का संचालन जेल में बंद एक तस्कर अर्शदीप सिंह कर रहा था, जिसने जेल के अंदर से ही मोबाइल फोन के ज़रिए तस्करी को अंजाम दे रहा था।
प्रशासन की रणनीति और आगे की योजना
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने नशे के खिलाफ जंग को अपनी प्राथमिकता बनाया है। युद्ध नशियां विरुद्ध नाम की मुहिम के तहत पुलिस और प्रशासन लगातार तस्करों पर शिकंजा कस रहे हैं। DGP गौरव यादव ने कहा कि उनकी टीम पाकिस्तान से होने वाली नशा तस्करी की कमर तोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है। इस मामले में SAS नगर के ANTF थाने में NDPS एक्ट के तहत FIR दर्ज की गई है, और जांच जारी है ताकि इस रैकेट के पूरे नेटवर्क का खुलासा हो सके।
इसके अलावा, प्रशासन ने तस्करों की संपत्ति पर भी कार्रवाई शुरू की है। मई 2025 में अमृतसर में दो तस्करों—जगप्रीत उर्फ जग्गा और सतनाम उर्फ सत्ता—की अवैध संपत्ति को बुलडोजर से ढहा दिया गया था। पुलिस का कहना है कि ऐसी कार्रवाइयाँ तस्करों के हौसले पस्त करने में मददगार साबित हो रही हैं।
निष्कर्ष: पंजाब को नशा मुक्त बनाने की मुहिम
अमृतसर में हुई इस कार्रवाई ने एक बार फिर पंजाब में नशा तस्करी की गंभीरता को उजागर किया है। सीमा पार से होने वाली इस तस्करी को रोकने के लिए पुलिस और BSF को और सख्त कदम उठाने होंगे। साथ ही, समाज को भी जागरूकता फैलानी होगी ताकि युवा इस जहर से दूर रहें। पंजाब को नशा मुक्त बनाने की इस जंग में हर नागरिक को अपनी भूमिका निभानी होगी, तभी हम अपने बच्चों का भविष्य बचा पाएंगे।
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