उत्तराखंड में दर्दनाक हेलीकॉप्टर दुर्घटना: सात लोगों की मौत, सुरक्षा पर सवाल
मृतकों की पहचान
मृतकों में पायलट कैप्टन राजवीर सिंह चौहान (जयपुर) और छह यात्री शामिल हैं:
- विक्रम रावत, 45 वर्ष, बीकेटीसी प्रतिनिधि, रासी, उखीमठ।
- विनोद देवी, 66 वर्ष, उत्तर प्रदेश।
- तृष्टि सिंह, 19 वर्ष, उत्तर प्रदेश।
- राजकुमार जायसवाल, 41 वर्ष, महाराष्ट्र।
- श्रद्धा जायसवाल, 35 वर्ष, महाराष्ट्र।
- काशी जायसवाल, 2 वर्ष, महाराष्ट्र।
हादसे का विवरण
हादसा सुबह 5:30 बजे के आसपास हुआ, जब हेलीकॉप्टर उड़ान भरने के तुरंत बाद नियंत्रण खो बैठा। प्रारंभिक जांच के अनुसार, खराब मौसम और कम दृश्यता इस दुर्घटना के प्रमुख कारण थे। हेलीकॉप्टर केदारनाथ से गुप्तकाशी की ओर जा रहा था, जो चार धाम यात्रा का एक महत्वपूर्ण मार्ग है। दुर्घटना के बाद हेलीकॉप्टर में आग लग गई, जिसने बचाव की संभावनाओं को और कम कर दिया।
बचाव और राहत कार्य
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीमें घटनास्थल पर पहुंचीं। रुद्रप्रयाग के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह राजवार ने बताया कि दुर्घटना गौरीकुंड के जंगलों में एक दुर्गम क्षेत्र में हुई, जिससे बचाव कार्य में कठिनाइयाँ आईं। फिर भी, टीमें ने सभी मृतकों के शव बरामद कर लिए।
आधिकारिक बयान
आईजी राजीव स्वरूप ने पुष्टि की कि दुर्घटना एक दुर्गम क्षेत्र में हुई, जिसने बचाव कार्यों को जटिल बना दिया। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने लिखा, "रुद्रप्रयाग जिले में हेलीकॉप्टर दुर्घटना की खबर अत्यंत दुखद है। एसडीआरएफ, स्थानीय प्रशासन, और अन्य बचाव दल राहत और बचाव कार्यों में जुटे हैं। मैं बाबा केदार से सभी यात्रियों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता हूं।" धामी ने हेलीकॉप्टर संचालन के लिए सख्त मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) स्थापित करने का आदेश दिया।
पिछली घटनाएँ और सुरक्षा चिंताएँ
यह हादसा उत्तराखंड में पिछले छह सप्ताह में पांचवीं हेलीकॉप्टर दुर्घटना है। विशेषज्ञों का कहना है कि हिमालयी क्षेत्र में उड़ान जोखिम भरी है, और मौसम की निगरानी और तकनीकी जांच में कमी ऐसी दुर्घटनाओं का कारण बन सकती है।
तारीख | स्थान | हेलीकॉप्टर कंपनी | हादसा | मृत्यु |
---|---|---|---|---|
8 मई 2025 | उत्तारकाशी, गंगनानी | एयरो ट्रांस सर्विसेज | दुर्घटना | 6 |
7 जून 2025 | केदारनाथ के पास | अज्ञात | आपातकालीन लैंडिंग | 0 |
15 जून 2025 | गौरीकुंड, रुद्रप्रयाग | आर्यन एविएशन | दुर्घटना | 7 |
चार धाम यात्रा में हेलीकॉप्टर सेवाओं की महत्ता
चार धाम यात्रा, जिसमें केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, और यमुनोत्री शामिल हैं, लाखों तीर्थयात्रियों को आकर्षित करती है। हेलीकॉप्टर सेवाएँ बुजुर्गों और स्वास्थ्य समस्याओं वाले लोगों के लिए सुविधाजनक हैं। उत्तराखंड में हेलीकॉप्टर कंपनियाँ जैसे आर्यन एविएशन और एयरो ट्रांस तीर्थयात्रियों को पवित्र स्थलों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उत्तराखंड सिविल एविएशन डेवलपमेंट अथॉरिटी (यूसीएडीए) और नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) इन सेवाओं की निगरानी करते हैं।
सुरक्षा उपाय और आगे की योजना
मुख्यमंत्री धामी ने हेलीकॉप्टर संचालन के लिए सख्त मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) स्थापित करने का आदेश दिया। इसमें उड़ानों से पहले अनिवार्य तकनीकी जांच, सटीक मौसम जानकारी, और पायलट प्रशिक्षण पर जोर दिया गया है। एक समिति का गठन किया गया है जो हेलीकॉप्टर संचालन के लिए एसओपी तैयार करेगी। चार धाम यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएँ अस्थायी रूप से बंद कर दी गई हैं, और प्रशासन सुरक्षा मानकों को मजबूत करने की दिशा में काम कर रहा है।
निष्कर्ष
यह दुखद घटना उत्तराखंड में हवाई यात्रा की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाती है। लगातार दुर्घटनाएँ मौसम निगरानी, तकनीकी जांच, और सख्त नियमों की आवश्यकता को रेखांकित करती हैं। प्रशासन को सुरक्षा उपायों को मजबूत करने और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाने होंगे। चार धाम यात्रा की आध्यात्मिकता को बनाए रखने के लिए सुरक्षा और विश्वास का संतुलन जरूरी है।
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