ईरान-इज़राइल संघर्ष में उग्रता: परमाणु सुविधाओं पर इज़राइली हवाई हमले, ईरान का मिसाइल जवाब
तारीख: 15 जून 2025
स्थान: तेहरान, तेल अवीव
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June 14: Israel bombs oil depot in Tehran as missilestrike near Haifa claims victims |
ईरान और इज़राइल के बीच दशकों से चला आ रहा संघर्ष 12 जून 2025 को एक नए मोड़ पर पहुंच गया, जब इज़राइली वायुसेना ने ईरान की परमाणु सुविधाओं पर सटीक हवाई हमले किए। इन हमलों का उद्देश्य ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने से रोकना था, जिसे इज़राइल अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा मानता है। हमलों ने नातान्ज़ और फोर्दो संवर्धन सुविधाओं को निशाना बनाया, जिससे महत्वपूर्ण क्षति की रिपोर्टें हैं। ईरान ने हमलों की पुष्टि की, लेकिन क्षति की सीमा को कम करके आंका, और अपने परमाणु कार्यक्रम को जारी रखने की प्रतिज्ञा की।
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14 जून 2025 को, ईरान ने जवाबी कार्रवाई में तेल अवीव, यरुशलम, और अन्य इज़राइली शहरों पर मिसाइलों की बौछार की। इज़राइल की आयरन डोम मिसाइल रक्षा प्रणाली ने कई मिसाइलों को रोक लिया, लेकिन कुछ मिसाइलें लक्ष्य तक पहुंचीं, जिससे नागरिक हानि और संपत्ति क्षति हुई। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, तेल अवीव में कई इमारतें क्षतिग्रस्त हुईं, और कम से कम 10 लोग घायल हुए।
इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, "इज़राइल अपनी सुरक्षा के लिए किसी भी खतरे को बर्दाश्त नहीं करेगा। हमने ईरान के परमाणु खतरे को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं, और अपने नागरिकों की रक्षा के लिए हर संभव उपाय करेंगे।" उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इज़राइल के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन करने की अपील की।
ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने इज़राइली हमलों को "आक्रामकता" करार देते हुए निंदा की। उन्होंने कहा, "इज़राइल ने अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन किया है और क्षेत्रीय स्थिरता को खतरे में डाला है। ईरान इस आक्रामकता का मजबूत जवाब देगा।" रायसी ने परमाणु कार्यक्रम को राष्ट्रीय संप्रभुता का प्रतीक बताया और कहा कि ईरान इसे जारी रखेगा।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने स्थिति पर चर्चा के लिए एक आपातकालीन बैठक बुलाई है। संयुक्त राज्य अमेरिका ने इज़राइल के हवाई हमलों का समर्थन किया, कहा कि "इज़राइल को अपनी सुरक्षा के लिए खतरों से निपटने का अधिकार है।" दूसरी ओर, रूस और चीन ने दोनों पक्षों से संयम बरतने और कूटनीतिक समाधान की वकालत की। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने चेतावनी दी कि संघर्ष "क्षेत्र को विनाशकारी युद्ध की ओर ले जा सकता है।"
संघर्ष ने वैश्विक बाजारों को भी प्रभावित किया है। तेल की कीमतें 15 जून 2025 को 10% से अधिक बढ़ गईं, क्योंकि मध्य पूर्व में युद्ध की आशंकाओं ने आपूर्ति शृंखलाओं को बाधित किया। विश्लेषकों का कहना है कि यदि संघर्ष बढ़ता है, तो वैश्विक अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
वर्तमान स्थिति
15 जून 2025 तक, ईरान और इज़राइल दोनों उच्च सतर्कता पर हैं। तेहरान में रक्षा मुख्यालय ने सैन्य तैनाती बढ़ा दी है, और इज़राइल ने अपनी सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी कर दी है। रिपोर्टों के अनुसार, हिज़बुल्लाह, ईरान का प्रॉक्सी समूह, लेबनान से इज़राइल पर हमलों की तैयारी कर सकता है। क्षेत्र में छिटपुट झड़पें जारी हैं, और आगे सैन्य कार्रवाइयों की संभावना बनी हुई है।
विश्लेषण
यह संघर्ष ईरान और इज़राइल के बीच लंबे तनाव का नवीनतम अध्याय है, जो अब प्रत्यक्ष सैन्य टकराव की ओर बढ़ रहा है। परमाणु सुविधाओं पर हमले दांव को अभूतपूर्व स्तर तक ले गए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम इज़राइल के लिए एक अस्तित्व खतरा है, जबकि ईरान इसे अपनी संप्रभुता का प्रतीक मानता है।
संघर्ष का विस्तार लेबनान, सीरिया, और यमन जैसे क्षेत्रों तक हो सकता है, जहां ईरान के प्रॉक्सी समूह सक्रिय हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए स्थिति को शांत करना एक जटिल चुनौती है। कूटनीतिक प्रयास, जैसे परमाणु समझौते (JCPOA) को पुनर्जनन, शांति की संभावना बढ़ा सकते हैं, लेकिन दोनों पक्षों के कड़े रुख इसे मुश्किल बनाते हैं।
तेल आपूर्ति और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर संघर्ष का प्रभाव पहले से ही दिखाई दे रहा है। यदि संघर्ष बढ़ता है, तो मध्य पूर्व में एक बड़ा युद्ध वैश्विक सुरक्षा और अर्थव्यवस्था के लिए विनाशकारी हो सकता है।
पिछली घटनाएँ
ईरान और इज़राइल के बीच तनाव 1979 की ईरानी क्रांति से शुरू हुआ, जब ईरान ने इज़राइल के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया। ईरान ने हिज़बुल्लाह और हमास जैसे प्रॉक्सी समूहों का समर्थन किया, जिससे प्रॉक्सी युद्ध शुरू हुआ। 7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमले ने इज़राइल में 1,200 लोगों की मृत्यु की, जिसके बाद गाजा में युद्ध शुरू हुआ। 1 अक्टूबर 2024 को ईरान ने इज़राइल पर मिसाइल हमले किए, और इज़राइल ने 26 अक्टूबर 2024 को जवाबी हमले किए।
तारीख | घटना | परिणाम |
---|---|---|
7 अक्टूबर 2023 | हमास का इज़राइल पर हमला | 1,200 मृत्यु, गाजा युद्ध शुरू |
1 अक्टूबर 2024 | ईरान का इज़राइल पर मिसाइल हमला | इज़राइल की जवाबी कार्रवाई |
12 जून 2025 | इज़राइल का ईरान की परमाणु सुविधाओं पर हमला | नातान्ज़, फोर्दो में क्षति |
निष्कर्ष
ईरान-इज़राइल संघर्ष एक जटिल और संवेदनशील मुद्दा है, जो क्षेत्रीय स्थिरता और वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए खतरा है। परमाणु सुविधाओं पर हमले और मिसाइल जवाब ने तनाव को अभूतपूर्व स्तर तक बढ़ा दिया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को शांति और स्थिरता के लिए कूटनीतिक प्रयास तेज करने होंगे।
पाठकों से अनुरोध है कि वे संघर्ष पर नज़र रखें और विश्वसनीय सूत्रों से जानकारी प्राप्त करें।
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