इंदौर–शिलांग हनीमून हत्याकांड: सोनम रघुवंशी को तीन दिन की ट्रांजिट रिमांड
इंदौर के ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी की शिलांग (मेघालय) में हत्या की जांच के सिलसिले में मेघालय पुलिस ने उनकी पत्नी सोनम रघुवंशी को तीन दिन की ट्रांजिट रिमांड पर लिया है। पुलिस का कहना है कि सोनम ने अपने पति की हत्या के लिए ठेकेदार हत्यारों को नियुक्त किया था और वह इस मामले की मुख्य आरोपी हैं। यह घटना तब सामने आई जब नवविवाहित दंपती इंदौर से हनीमून के लिए मेघालय गए थे और वहाँ राजा की हत्या हो गई।
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घटना का सिलसिला
राजा (29) और सोनम (27) रघुवंशी ने 11 मई को शादी की और 20 मई को हनीमून पर मेघालय रवाना हुए। दोनों ने शिलॉन्ग से आगे सोहरा होते हुए नोंग्रिआट की प्रसिद्ध जड़ों वाली पुलिया की ओर ट्रेकिंग शुरू की। 23 मई को स्थानीय गाइड ने देखा कि दोनों के साथ तीन अज्ञात युवक भी हैं, जो हिंदी में बात कर रहे थे। उसी दिन ये सभी लापता हो गए और खोजबीन शुरू हुई। भारी बारिश और कठिन मौसम के कारण शुरुआती खोज सफल नहीं हुई। 2 जून को राजा का खून सना शव मेघालय के वीसॉडोंग झरने के पास एक गहरी घाटी में बरामद हुआ।
शव के पास एक खून लगी कुल्हाड़ी और एक मोबाइल फोन मिले, तथा कुछ दूर एक रक्तरंजित रेनकोट मिला। पोस्टमार्टम में राजा के सिर के पिछले हिस्से पर दो गहरे घाव पाए गए, जो कुल्हाड़ी से लगे थे। पुलिस ने बताया कि यह कुल्हाड़ी मेघालय क्षेत्र की नहीं लगती, जिससे शक हुआ कि हत्यारों को बाहर से लाया गया था।
गिरफ्तारियां और पुलिस जांच
पुलिस ने बताया कि राजा की हत्या की साजिश सोनम ने अपने कथित प्रेमी राज कुशवाहा के साथ मिलकर रची थी। इस मामले में कुल पांच लोग को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें सोनम के अलावा राज कुशवाहा, विशाल सिंह चौहान, आनंद कुर्मी और एक अन्य आरोपी शामिल हैं। सोनम को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के एक ढाबे पर गिरफ्तार किया गया, जबकि अन्य आरोपियों को मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के अलग-अलग स्थानों से पकड़ा गया।
पीड़ित परिवार और जनप्रतिरोध
हत्या की दुखद घटना के बाद इंदौर में रघुवंशी परिवार में म personally identifiable information redacted पसरा हुआ है। परिवार ने सामाजिक न्याय की मांग उठाई है और सीबीआई जांच की मांग की है।मृतक राजा के पिता समेत अन्य परिजनों ने सवाल उठाए हैं कि इतना भयानक हमला हुआ फिर भी मामला पुलिस में कैसे पहुंचा।
संक्षेप एवं विचार
इंदौर–शिलांग हनीमून हत्याकांड ने एक सामान्य हनीमून यात्रा को दिल दहला देने वाली घटना में बदल दिया है। इसमें पति-पत्नी के बीच भरोसा टूटने, प्यार के आरोपों और हत्या की योजनाबद्ध साजिश की बातें सामने आई हैं। यह मामला न केवल व्यक्तिगत विश्वासघात का है, बल्कि समाज में सुरक्षा और न्याय की जरूरत को भी उजागर करता है। ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए व्यापक जागरूकता और सरकारी जांच में पारदर्शिता आवश्यक है।
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